इन दिव्यांगों के मिसाल को सलाम । आपने अक्सर देखा होगा कि जिन के बच्चें दिव्यांग होते है उनके परिवार वालें उस बच्चें को लेकर हमेशा परेशान रहते है। लेकिन अंकिता के साथ ऐसा कुछ भी नही है। वो दिव्यांग होने के वाबजूद भी वह अपने परिवार व स्कूल का नाम रोशन कर रही है, तो आइए आज हम आपको बताते है कि आखिर कैसे कर रही है अंकिता ये सब।
जगन्नाथपुरी शुजालपुर निवासी अंकिता सक्सेना (25) सेरेबल पल्सी बीमारी से ग्रसित है। उसके हाथ-पैर टेढ़े होने के कारण चलने-फिरने सहित अन्य कई दिक्कतों का सामना उसे करना पड़ता है। उसने बीमारी से हार नहीं मानी, बल्कि खुद के पैरों पर खड़े होने के साथ अन्य दिव्यांगों को सक्षम बनाने में जुटी है। अंकिता ने कम्पयूटर के क्षेत्र में बीसीए की ड्रिगी प्राप्त कर ली है।
नवजीवन स्कूल शुजालपुर ने उसे प्रशिक्षण दिया। अतिरिक्त समय में वह दिव्यांगों को पढ़ाती भी है। अनेक पुरस्कार जीतकर अंकिता ने परिवार व स्कूल का नाम रोशन किया है।