शादी हर किस के लिए के अहम फैसला होता है और अहम दिन भी…लेकिन हमारे भारत में शादियों के अलग मायने हैं। ये वो देश है, जहां शादियों पर रिसर्च करने के लिए विदेश से लोग आते हैं। हमारे देश में, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मुंह खोलकर अपने बेटों का सौदा करते हैं। वहीं दूसरी तरफ, ऐसे भी मां-बाप हैं, जो दहेज देने में असमर्थ होने के कारण बेटियां पैदा ही नहीं करना चाहते।
इसी समाज के छत्तीसगढ़ में रहने वाले एक युवक ने दहेज में इस तरह की चीजें मांगी कि लड़की वालों के मुंह खुल के खुले रह गए।
प्रशांत महतो ने अपने शादी के कार्ड में बहुत ही अलग तरह की मांग की है। देश के कुछ महान दूल्हों की तरह प्रशांत ने कैश, गाड़ी, घर आदि नहीं, पर पुरानी किताबों की मांग की है। इन किताबों को गरीब और जरूरतमंद छात्रों को दिया जाएगा।
प्रशांत एक संस्था चलाते हैं, जो गरीब और ज़रूरतमंद छात्रों को अच्छी शिक्षा पाने में मदद करती है। प्रशांत पिछले दो सालों से ये संस्था चलाते हैं और उन्होंने 50,000 से भी ज्यादा किताबें इकट्ठा कर जरूरतमंदों तक पहुंचाई हैं। प्रशांत की टीम में 550 लोग काम करते हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 850 छात्रों की मदद की है। क्यों है ना ये कबीले तारीफ काम भाई हर दूल्हे और दुल्हन को इससे कुछ सीखना चाहिए।