मंगलवार को तारसुगुदा गांव के रहने वाले मेघू भोई की पत्नी सजना को पेट में बीमारी की शिकायत के बाद गुदभेला अस्पताल में भर्ती करवाया था। डॉक्टरों ने शुरुआती परीक्षण के बाद उसे कुछ दवाइयां लिखीं और तुरंत उसे लाने के लिए कहा। मेघू के पास पैसे नहीं थे तो उसने रिश्तेदारों से मदद मांगी लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया। बाद में स्थानीय दवा दुकानदार ने उसकी मदद की और उसे उधार पर दवाइयां उपलब्ध करवाईं। लेकिन, जब तक मेघू दवाइयां लेकर अस्पताल पहुंचता तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसकी पत्नी की मौत हो चुकी थी।

इसके बाद मेघू ने अपने रिश्तेदारों को पत्नी का पार्थिव देह अंतिम संस्कार के लिए ले चलने का आग्रह किया। लेकिन, सभी ने उसको यह कहते हुए साफ इंकार कर दिया कि उसका सामाजिक बहिष्कार किया गया हुआ है क्योंकि उसकी बेटी ने सालों पहले जाति से बाहर शादी की थी।

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