ओडीशा में एक पिता को अपनी 2 वर्षीय बेटी के शव को अपने कंधे पर टांगकर घर जाने को मजबूर होना पड़ा। यह घटना आदिवासी बहुल जिले कंधमाल की है।
कालाहांडी जिले में दाना माझी द्वारा अपनी पत्नी का शव कंधे पर लेकर दस किलोमीटर लेकर चलने का मामला थमा नहीं था कि फिर एक नया वाकया सामने आ गया है, जहां एक पिता ने अपनी दो वर्षीया बेटी के शव को कंधे पर ढोकर घर जाने को मजबूर हुआ है।
जिले के तुमुड़ीबंध क्षेत्र के मातृगा निवासी अमिकांत माझी अपनी दो वर्षीय बेटी को इलाज के लिए सोमवार को तुमुड़ीबंध अस्पताल लाया था। वहां चिकित्सकों ने उसकी हालात गंभीर बताते हुए बेहतर इलाज के लिए बालिगुड़ा अस्पताल ले जाने की सलाह दी। अमिकात के पास तब इसके लिए पैसे नहीं थे। पैसे की व्यवस्था करने के लिए अमिकांत अस्पताल से पांच किलोमीटर दूर अपने गाव पैदल गया। वहां से स्मार्ट कार्ड लेकर दोपहर तक जब वह लौटा तो उसकी बेटी दम तोड़ चुकी थी। इसके बाद उसने अपनी बेटी के शव को कंधे पर लादकर पांच किलोमीटर दूर अपने घर पहुंचा। इस घटना की शोर एक बार फिर से पूरे सूबे में सुनाई पड़ रही है।
उधर, तुमड़ीबंध अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अमिकांत को जब तक एंबुलेंस मुहैया कराई जाती, वह अपनी बेटी के शव के लेकर चला गया था।