रोहन जब किशोरावास्था में थे तब उन्हे मोटरसइकिल को लेकर जुनून हुआ और उन्होने एक दशक से अधिक दो पहिया वाहनों को चलाने के लिए खुद को उस लायक बनाया कि वो अपने दोनों हाथों की मदद से मोटरसाइकिल चला सकें। रोहन ने रांची से अपनी लॉं की पढ़ाई पूरी की और आज वो एक प्रतिभाशाली मोटरसाइकिल सवार हैं। रोहन ने कई चुनौतीपूर्ण रेसों में विजय भी हासिल की है।
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