आपने बहुत से शिवलिंग की कहानियां सुनी होगी लेकिन इस शिवलिंग के बारे में शायद आपने नही सुना होगी। छत्तीसगढ़ में बेमेतरा जिले से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम जौंग में 16वीं शताब्दी का ऐतिहासिक शिवलिंग मंदिर बना हुआ है।

इस मंदिर में भगवन शिव का शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर कि खास बात यह है की यह शिवलिंग हर चार माह में तीन बार अपना रंग बदलता है। जिसका यहाँ के लोगो के पास कोई मुख्या कारण नहीं है। जानकारी के अनुसार, ठंड के मौसम में शिवलिंग काला, गर्मी के दिनों में पूरी तरह से भूरा, बरसात यानी जुलाई के महीने में स्लेटी हो जाता है।

बुजुर्ग बताते हैं कि आज भी गर्मी के दिनों में शिवलिंग में अपने आप दरारें पड़ जाती हैं मानो शिवलिंग को तोड़ी गई हो।
मन्नत पूरी होने पर ग्रामीण भुरवा साहू ने सांस्कृतिक मंच व देवी देवताओं को स्थापित करने के लिए स्वयं के पैसे से मंदिर का निर्माण कराया।

शिवमंदिर से लेकर नदी तट तक पुरातत्व विभाग द्वारा 9 एकड़ जमीन पर प्राचीन शिलालेख के प्रमाण मिलने पर सर्वे भी किया जा चुका है। मंदिर के प्रांगण में भगवान बुद्ध सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियां खुले आसमान के नीचे स्थापित हैं, जो 16 वीं सदी के कलचुरी राज के समय के हैं।

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