इनकी मानें तो नकली या सिंथेटिक हीरा बनाने के लिए आयरन और निकोल का उपयोग किया जाता है और कभी-कभी सिंथेटिक हीरों में यह आयरन और निकोल बनाते समय हीरे में रह जाता है। ऐसे हीरों के सामने मैग्नेट रखा जाए तो हीरे मैग्नेट में चिपक जाते हैं जिससे नकली हीरों की पहचान हो सकती है।
गौरतलब है कि दुनियाभर के 11 में से 9 हीरे सूरत के बाजार में तराशे जाते हैं। मसलन 96 फीसद लेबर वर्क जिसमें हीरों की कटिंग-पॉलिशिंग और फिनिशिंग सूरत के हीरा बाजार से होता है। इन सब के बीच चीनी नकली हीरों ने भारतीय बाजार में सेंधमारी की।
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