भाई जरा सम्हल कर, कहीं आग लग गई तो गुरू कुछ ना बचेगा।
वाह उस्ताद कमाल का जुगाड़ किये हो।
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भाई जरा सम्हल कर, कहीं आग लग गई तो गुरू कुछ ना बचेगा।
वाह उस्ताद कमाल का जुगाड़ किये हो।
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