जानकारी के अनुसार जनवरी से 31 जुलाई तक छह महीने में आर्य समाज के मंदिरों में 270 विवाह संपन्न कराए गए हैं और इन विवाहों को रिकॉर्ड नहीं किया गया है। इतना ही नही विवाह के नियमों का भी पालन नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि कुछ विवाह नियम विरुद्ध कराए गए हैं। मंदिर प्रबंधन के पास इनके विवाह का शपथपत्र नहीं था न ही ये लोग आर्य समाज में विश्वास नहीं रखते थे।