सरकार ने नहीं की मदद, किसानों ने खुद बना डाली नहर

हर साल मॉनसून के वक्त यह नहर क्षतिग्रस्त हो जाती थी और ठंड के मौसम में इसे दोबारा बनाया जाता था । लेकिन बढ़ती लागत को देखते हुए 1990 के बाद से नहर का निर्माण बंद करवा दिया गया । यहां पर एक पक्की नहर के निर्माण के लिए हमने राज्य सरकार को 2014 में ही प्रस्ताव भेज दिया था । लेकिन यह मामला अब तक लंबित है ।’ जिसकी वजह से किसानों को 26 साल तक नहर के निर्माण के लिए सरकारी मदद का इंतजार करना पड़ा ।

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