डिफरेंट टाइप की खेती
पटेल के पास महज चार एकड़ की खेती की जमीन है। पहले उन्हें धान की फसल से 80 हजार रुपए का मुनाफा मिलता था।
अब फल और सब्जी की खेती से इतनी ही जमीन पर 40 लाख का सालाना इनकम हो रहा है। पटेल पॉलीहाउस खेती करने वाले प्रदेश के पहले किसान हैं। इस तरह की खेती में मौसम की मार का असर नहीं होता।
क्या होता है पॉलीहाउस खेती
खेती वाली जमीन को घर से जैसे आकर में पारदर्शी पॉलीमर से ढ़क दिया जाता है। उसे पॉलीहाउस कहते हैं। पॉलीहाउस के अंदर ने बाहर की हवा जा सकती है न पानी। इस कारण कीड़े-मकोड़े का असर नहीं होता। टेंपरेचर भी जरूरत के मुताबिक कम-ज्यादा किया जाता है। इस तरह मौसम पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाती है।
कीटनाशक, खाद, सिंचाई-ये सभी काम पॉलीहाउस के अंदर होते हैं। जो जितना जरूरी हो उतना ही डाला जाता है।
सबकुछ नपा-तुला मिलने के कारण यह भी तय हो जाता है कि किस तारीख को कितनी फसल मिलेगी।