सरकार ने कोरेक्स कफ सिरप, फेंसाडिल कफ सिरप, ग्लाइकोडिन कफ सिरप, एलेक्स कफ सिरप, विक्स एक्शन 500, ओफलॉक्सा व डोलो कोल्ड समेत 344 दवाओं को प्रतिबंधित किया गया था। केंद्र सरकार के 10 मार्च 2016 को विशेषज्ञ कमेटी की राय पर 344 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने कहा था कि जनहित में इन दवाओं के बनाने, बेचने व वितरित करने पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। ये दवाएं लोगों की जान के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं और मार्केट में इनके विकल्प उपलब्ध हैं।
अदालत ने कहा कि अधिसूचना से यह पता नहीं चलता कि यह निर्णय लेना बहुत जरूरी क्यों था। औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम की धारा 26-ए में निहित शक्ति का इस्तेमाल जब तक जनहित में नहीं किया जा सकता तब तक कि उपभोक्ताओं के लिए किसी तरह का खतरा न हो। अधिसूचना के खिलाफ फाइजर, ग्लेनमार्क, प्रोक्टर एंड गैंबल, सिप्ला, एलेमबिकस, अबोट्स व अन्य कुछ कंपनियों समेत विभिन्न समूहों द्वारा 454 याचिकाएं दायर की गई थीं।