हालांकि नोटबंदी में हो रही परेशानी पर बोकिल का कहना है कि ये आज नहीं तो कल होनी ही थी, ये सुधार का जरिया है। इसके पीछे सरकार की मंशा अच्छी है। इससे पहले गुरुमूर्ति ने कहा था कि “रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बदलने के दो महीने बाद नोटबंदी की प्लानिंग बनी थी। बोकिल के मुताबिक 500 और एक हजार के नोट भारत में कुल कैश का 86 फीसदी थे।

आपको बता दें कि, अनिल बोकिल अर्थक्रान्ति संस्थान के एक प्रमुख सदस्य हैं। अर्थक्रांति संस्थान महाराष्ट्र के पुणे का एक संस्थान हैं, जो एक इकोनॉमिक एडवाइजरी बॉडी की तरह काम करता है। इस संस्थान में चार्टर्ट अकाउंटेट और इंजीनियर सदस्य हैं।

1 2
No more articles