अभी जो फ्लोरोसेंट प्लास्टिक होता है वो केवल 3 साल तक चल पाटा है लेकिन ये सीमेंट काफ़ी लंबे वक़्त तक कारगर होगा। इसकी चमक को भी काबू किया जा सकता है जिससे सड़क पर चलने वालों की आंखें इसकी चमक से चौन्धियाएंगी नहीं।
आज जहां प्राकृतिक ऊर्जा पर हम इतने अधिक निर्भर हो गए हैं वहां दिन पर दिन इनका ह्रास होना लाज़मी है ऐसे में ऐसे आविष्कार हमारी तकलीफ़ को कम करते हैं। वैसे भी ये सीमेंट पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर है लेकिन जहां सूरज नहीं निकलता वहां ये कितना कारगर होगा इस पर बात की जानी अभी बाकी है।
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