इससे हर तरह के एडल्ट्रेंट का पता चल जाएगा। दूध की कुछ बूंदें किट में लगी स्ट्रिप पर डालने से हाईड्रोजन परआक्साइड, यूरिया, न्यूट्रीलाइजर, स्टार्च की मौजूदगी का पता चल जाएगा। इतना ही नही साथ ही माइक्रोबायोलॉजीकल टेस्ट भी इससे हो जाएंगे। केमिकल टेस्टिंग में सिर्फ 5 मिनट लगेंगे, जबकि माइक्रोबायोलॉजीकल टेस्ट के लिए 30 मिनट इंतजार करना होगा। किट के रंग बदलने से केमिकल और बायोलॉजीकल मिलावट का पता चलेगा।
इस कीट की इसकी कीमत करीब 2 हजार रुपए है। किट में स्ट्रिप बदलकर जितनी बार चाहें जांच कर सकते हैं। दूध में बढ़ती मिलावट और उससे होने वाली बीमारियों को देखते हुए इस किट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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