टेलीकॉम और तकनीक सलाहाकर के रूप में काम करने वाली ट्रैसी ने कहा अपराध के लिए आतंकी को घटना की जगह पर मौजूद भी नहीं होना पड़ेगा। इस तरीके को लोन-वूल्फ टेरर कहा जाता है। रोबोट अपनी कृत्रिम बुद्धि और प्रोग्रामिंग के इस्तेमाल से खुद भी अपराध कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हैक हो जाने पर ड्राइवलेस कार और ड्रोन भी इंसानों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन सकते हैं।
अभी हाल ही में बेल्जियम में नाटो सदस्य देशों ने एक बैठक की जिसमें भविष्य में हैकिंग से युद्ध की संभावना से बचने या इसके खतरे को कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। समानी ने कहा कि सभी देशों को प्रशासनिक स्तर पर हैकिंग से निपटने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही आम नागरिक इंटरनेट और तकनीक को भविष्य में कैसे सुरक्षित रखे और हैकर से रोबोट को बचाने के लिए एक सख्त वयवस्था करने की जरूरत है। ताकि भविष्य के खतरों से बचा जा सके।