सेक्स तो सब करते है लेकिन क्या आपको पता है कि सेक्स करने का सही तरीका कौन सा और कैसे होता है। कामशास्त्रियों के अनुसार जब महिलाओं के शरीर में वासना जगती हो तो वह अपने पुरुष साथी से प्रेम की शुरुआत करे न कि प्रेमी द्वारा इसके शुरु होने की सोचें।
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पति-पत्नीी दोनों के बीच प्रेम में जब खुलापन आ जाता है तो उनके रिश्ते और मजबूत ही होते हैं, लेकिन जब इनमें दुराव-छिपाव, संशय या संकोच होता है तो दोनों के बीच रिश्तों में गांठ आ सकती है। आचार्यों के अनुसार, सेक्स के क्षण में आलिंगन, चुंबन, नखक्षत, दंतक्षत, प्रहार, सीत्काार आदि का कोई क्रम निर्धारित नहीं होता, बल्कि वहां केवल आनंद मिल जाता है। संभोग के क्षण में नारी को भी खुलकर पुरुष के साथ दंतक्षत, नखक्षत, चुंबन और विपरीत रति का प्रयोग करना चाहिए।
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परिजन के बीच बैठे हुए भी जब पति-पत्नी को अपने इस प्रेम की याद आती है तो दोनों इशारों-इशारों में लोगों के बीच ही बातें शुरू कर देते हैं। उस वक्त महिलाएं सब कुछ अपनी आंखों की चपलता और अधरों की मुस्कुराहट से कह देती है और उनके बीच फिर से प्रेम की तीव्र उत्कंठा जाग जाती है। इस तरह के प्रेम से दांपत्य जीवन हमेशा खिला-खिला रहता है।