पलंग तोड़ पान खा कर हिल जाएगी खाट

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लौंग भी दांत की बीमारियों को दूर करता है, इसे आयुर्वेद में स्तंभक यानी डिस्चार्ज में देरी लाने वाला कहा है। आयुर्वेद के अनुसार, खाना खाने के बाद और सहवास से पहले पान खाया जा सकता है। दिन में 2-3 से ज्यादा पान न लें।

पलंगतोड़ पान का सेवन कई लोग सुहागरात में इस इरादे से करते हैं कि सहवास के दौरान इतनी ताकत पैदा होगी कि वे छा जाएंगे। हकीकत यह है कि इसमें नशीली दवा मिली होती है जिसके सेवन से या तो आदमी सहवास से पहले ही सो जाता है य नशे की वजह से उसे आधे या एक मिनट के सहवास की अवधि घंटों जैसी लगती है। महंगे पलंगतोड़ पान का फायदा तो होता है, लेकिन खाने वाले को नहीं सिर्फ बेचने वाले को !

ध्यान रहे कि पान को हमेशा पत्ते के बीच की और अन्य मोटी शिराएं निकाल कर खाएं। आयुर्वेद के ग्रंथ भावप्रकाश भी कहता है कि शिरा बुद्धि का नाश करती है। पान खाने के बाद मुंह जरूर साफ करें। बेहतर है कि अपना पान मर्जी के हिसाब से घर में ही बना कर खाएं।

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