वर्जिन शब्द का अर्थ है, “अनछुआ”। अगर आपने कभी संभोग किया है तो इसका मतलब है कि आप अनछुए नहीं हैं, और इस लिहाज से आप वर्जिन नहीं रहती हैं। यहां वर्जिन शब्द से तात्पर्य है योनि के टाइट होने से। शिशु के जन्म के बाद, उम्र बढ़ने या एक्सरसाइज न करने आदि कुछ कारणों से योनि में ढीलापन आ जाता है। हालांकि इसे दूर किया जा सकता है और योनि को फिर से टाइट बनाया जा सकता है। यहां फिर से वर्जिन होने का यही अर्थ है।
दरअसल ढीलापन योनी में नहीं, बल्कि पेल्विक प्लोर की मांसपेशियां में आता है। और इसे प्राकृतिक तरीकों, जैसे एक्सरसाइज आदि से दूर कर दोबारा से योनि को टाइट बनाया जा सकता है। श्रोणी या पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियां (pelvic floor muscles), जो कि गर्भाशय, मूत्राशय, और छोटी आंत, को सहारा देती है, उन्हें “किगल मसल्स” भी कहा जाता है।
अपने पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों को टोन करने का फायदा ये है कि जब आप ऑर्गेज़्म प्राप्त करते हैं तो यह वास्तव में आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों का संकुचन होता है। तो जितना ज्यादा आप ऑर्गाज़्म प्राप्त करती हैं, उतनी ही ज्यादा आपकी पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां टोन होती हैं और जैसे जैसे पेल्विक फ्लोर मांसपेशियां मजबूत बनती हैं, उतना ही ज्यादा ऑर्गाज़्म प्राप्त होता है।
एक शोध के अनुसार, शिशु के जन्म के बाद योनि की मांसपेशियों को दोबारा सामान्य आकार में आने में कम से कम 6 महीने का समय लगता है। दूसरी बार योनि का आकार उम्र बढ़ने के साथ बदलता है। दरअसल, बढ़ती उम्र में महिलाओं के हार्मोंस में बदलाव आता है। अर्थात बढ़ती उम्र में वैजाइनल वॉल मोटी हो जाती है और कम लचीली हो जाती है। ऐसे में योनि की मसल्स ढीली हो जाती है।
लेकिन अच्छी खबर ये है कि कीगल एक्सरसाइज से मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है। कीगल एक्सरसाइज में कोई फर्क नहीं पड़ता की आपकी उम्र क्या है। शोध के नतीजों में पाया गया कि यदि सेक्स के दौरान योनि ना टाइट होती है तो इसका ये मतलब है कि वैजाइना ड्राई है और आप ठीक से उत्तेजित नहीं हुई है। ऐसे में आपको अधिक फॉरप्ले करने की जरूरत है।