शोधकर्ताओं का कहना है कि किस के दौरान ये वायरस बॉडी में जा सकता है और महिलाओं को इनफर्टाइल बना सकता है। यह रिसर्च इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ फेरारा में हुई। रिसर्च के अनुसार यह गर्भाशय की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर एग को फर्टीलाइज होने से रोकता है।

वायरस गर्भाशय की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करके ‘साइटोकींस रसायन’ का उत्पादन करता है। इसके ज्यादा स्रावित होने से एग फर्टीलाइज होने में बाधा पहुंचती है। गौरतलब है कि स्टडी में शामिल बांझपन की समस्या से ग्रसित महिलाएं वायरस से संक्रमित थीं।

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