पूरी दुनिया में कैंसर के बाद एड्स(एचआईवी) से मरने वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। एचआईवी की बीमारी असुरक्षित यौन संबंध बनाने से ज्यादा फैलती है। लेकिन इस बीमारी का पता किसी भी रोगी को तब होता है जब एचआईवी मरीज को अपने आगोश में ले चुकी हो। आमतौर पर देखा गया है कि हमारे देश में यौन संबंध के दौरान लोग कॉन्डोम का इस्तेमाल करने से हिचकते हैं। इतना ही नहीं, अधिकांश लोग तो कॉन्डोम खरीदने से भी घबराते हैं। जाहिर है, अगर असुरक्षित यौन संबंध के बाद अगर किसी को एचआईवी की बीमारी हो जाए तो उसे तत्काल इस बात की जानकारी नहीं होती है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को कमजोरी, थकावट और शरीर में परिवर्तन होने लगे तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन अक्सर लोग शर्म और झिझक के चलते एचआईवी टेस्ट कराने के लिए डॉक्टर के पास जाने से भी कतराते हैं। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि कैसे घर पर बैठे ही एचआईवी टेस्ट कर सकते हैं। इस टेस्ट को ओराक्वीक टेस्ट कहते हैं जिसकी मदद से घर बैठे खुद का एचआईवी टेस्ट किया जा सकता है। तो चलिए ओराक्वीक टेस्ट के बारे में विस्तार से जानें

एचआईवी टेस्ट
जी हां! आप खुद घर बैठ कर एचआईवी टेस्ट कर सकते हैं। ये बहुत ही आसान है। इसे सामान्य तरीके से मसूड़ों की मालिश करके यह पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति एचआईवी से पीड़ित है या नहीं।

मलावी में सामान्य है ये
अफ्रीकी देश मलावी में एचआईवी टेस्ट करने की प्रक्रिया काफी मंहगी है। जिसके कारण लोग इस तरीके से घर पर ही खुद का एचआईवी टोस्ट कर रहे हैं।

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ओराक्वीक टेस्ट
ओराक्वीक टेस्ट एचआईवी टेस्ट करने की किट है।
यह किट प्रेग्नैंसी टेस्ट किट की तरह दिखती है।
इसका डिजायन और आकार भी प्रेग्नैंसी टेस्ट मशीन की तरह किया गया है जिससे की परिणाम तेजी से पता चल सके।
इस मशीन का नाम ओराक्वीक टेस्ट है।

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कैसे काम करती है ये मशीन?
ओराक्वीक टेस्ट मसूड़ों के तरफ लगाई जाती है।
ऊपर और नीचे के मसूड़ों की सही तरीके से मालिश करके इस किट को मसूड़ों में लगाएं।
ये किट 20 मिनट बाद रिजल्ट बता देती है।
अगर टेस्ट स्टिक में सी लिखा हुआ आए, तो आपको एचआईवी नहीं है।
वहीं अगर किट पर टी लिखा आए, तो मतलब कि टेस्ट करने वाला एचआईवी पॉज़िटिव है।

नतीजे 90 फीसदी सटीक
कई बार लोगों को इस किट के नतीजों पर शक होता है। लेकिन इस किट को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि नतीजे 90 फीसदी सटीक आते हैं।
इस टेस्ट किट को अमेरिकी फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट ने भी स्वीकार किया है। इस किट की कीमत 60 डॉलर मतलब कि लगभग 3,800 रुपये है।
लेकिन एक अभियान के तहत इसे मलावी में लोगों को मुफ्त बांटा जा रहा है।

इस अभियान के सलाहकार रॉड्रिक सांबाकुंसी के अनुसार, ‘बहुत सारे लोग खुद का परीक्षण कर रहे हैं। वह इससे काफी खुश है। स्थानीय नेताओं, चर्चों और समुदायों से भी हमें मदद मिल रही है।‘

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