इस तरह खाना बनाएंगी तो खाना बन जाएगा ज़हर! हम में से अधिकाँश लोग खाना बनाने के लिए तथा खाना गरम करने के लिए माइक्रोवेव का उपयोग करते हैं। क्या आप जानते हैं कि माइक्रोवेव में बना हुआ खाना खाने से रक्त कोशिकाओं, एलडीएल और एचडीएल में परिवर्तन आता है।
तेल में तलने की पद्धति खाना बनाने की एक सामान्य पद्धति है। इस प्रक्रिया में आपका खाना ऑक्सीडाईज़्ड फैट्स, ग्ल्य्कैटेड शुगर और विकृत प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत बन जाता है। उच्च तापमान जिस पर खाने को तला जाता है, के कारण खाने में विषारी तत्वों में वृद्धि हो जाती है जिसके कारण कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस बारे में कोई शंका नहीं है कि बारबेक्यू पद्धति से बनाये गए मीट (मांस) का स्वाद बहुत अच्छा होता है। परन्तु यदि आप बारबेक्यू पद्धति से बनाया हुआ मीट खाते हैं तो आप ऐसे पदार्थों का सेवन करते हैं जो सूजन और कैंसर का कारण बनते हैं। धीमी आंच पर भुना हुआ मीट खाएं जो शरीर में कम विषारी पदार्थों उत्पन्न करता है।
ब्राइलिंग भी खाना बनाने का स्वस्थ तरीका नहीं है। इस पद्धति में मांस को पकाने के लिए चारों ओर से आग लगाई जाती है। इसके कारण मांस के बाहर ग्लुकोमेट का निर्माण होता है तथा फैट्स भी ऑक्सीकृत होते हैं। खाना बनाने के अन्य तरीकों की तुलना में इस पद्धति में खाने में उपस्थित प्रोटीन अधिक विकृत होते हैं।
कभी भी जले हुए, काले पदार्थ न खाएं। अधिकतर हम मांस को ऐसे ही बनाते हैं। यह तरीका विषाक्त है क्योंकि यह भोजन में उपस्थित प्रोटीन को विकृत कर देता है जिसके कारण इसका पाचन करना कठिन हो जाता है।