बरसात के इस मौसम में कई बीमारियां लोगों को अपनी गिरफ़्त में ले रहीं हैं। डेंगू और चिकनगुनियां जैसी बीमारियों ने पूरी राजधानी दिल्ली में हाहाकार मचा दिया है।

जहां एक तरफ दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR)  के शहरों को साफ पानी में पनपने वाले मच्छरों ने डराया हुआ है, वहीं डेंगू के बाद चिकनगुनियां का भी खौफ फैला हुआ है। दिल्ली में 5 लोगो की डेंगू से मौत हो चुकी है।  दिल्ली में डेंगू के 487 मामले सामने आए हैं तो वहीं चिकनगुनियां के 432 मरीजों की पहचान हुई है।  पिछले दो सप्ताह में नोएडा के सर्फाबाद गांव में बुखार से 15 लोगो की मौत भी हो चुकी है।

दिल्ली से एक मामला सामने आया है जहां 13 साल की अदिति पिछले 15 दिनों से बिस्तर पर है और उसके जोड़ों में इतना दर्द है कि अदिति ठीक से चल भी नहीं पाती और ये दर्द उसे रात में सोने नहीं देता। आपको बता दें कि अदिति एक डॉक्टर की बेटी है और तमाम सावधानियां बरतने के बावजूद भी अदिति चिकनगुनियां की शिकार हो गई।

वहीं दूसरा मामला सामने आया है 40 साल के दयाराम का। दायराम दिल्ली के आर के पुरम में रहते हैं और ड्राइविंग का काम करते हैं। पिछले हफ्ते अचानक उनके जोड़ों में दर्द के साथ बुखार आया और जब उन्होने जांच कराई तो पता चला कि उन्हे चिकनगुनियां हो गया है।

दिल्ली में चिकनगुनियां के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और बड़ी बात ये है कि पिछले 15 दिन में ये बीमारी ज्यादा तेजी से फैली है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(Indian Medical Association) के मुताबिक हर रोज एक अस्पताल में 30-40 मरीज आ रहे हैं। चिकनगुनियां, डेंगू की तरह जानलेवा नहीं है लेकिन शरीर तोड़कर रख देता है। चिकनगुनियां में जोड़ों में भयानक दर्द होता है और सिर दर्द और बुखार के साथ ये बीमारी 10 दिन से लेकर एक साल तक प्रभावित कर सकती है।

चिकनगुनियां के लक्षण

ये बीमारी वायरस से होती है जिसे डेंगू फैलने वाला मच्छर ही कैरी करता है और मच्छर से पैदा होने वाली इस बीमारी को चिकनगुनियां कहते है। डब्ल्यूएचओ (WHO) और सेंटर फॉर डिज़िज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (Center for disease control and prevention), यूएसए के अनुसार व्यक्ति के अंदर मच्छर के काटने के करीब तीन से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा उसे सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सूखी उबकाई आना, थकान महसूस करना, त्वचा पर लाल रैशेज़ पड़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

चिकनगुनिया का इलाज

चिकनगुनियां का पता ब्लड टेस्ट और कुछ ज़रूरी चिकित्सा परीक्षणों से किया जा सकता है, जिसमें सेरोलॉजिकल और विरोलॉजिकल टेस्ट शामिल हैं। इस बीमारी को पहचान कर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपको बता दें, इसके इलाज के लिए पेनकिलर्स ही मुख्य तौर पर दिए जाते हैं। याद रहे कि खुद से कोई दवा ना लें और मरीज अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें।

चिकनगुनियां से ऐसे करें बचाव

चिकनगुनियां का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है, ख़ासतौर से सुबह और दोपहर में, इसलिए इन जगहों पर जाने से बचें, जहां मच्छर ज़्यादा हो। अपने शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाले उत्पाद या रात को सोते समय नेट का इस्तेमाल करें। पेय पदार्थ को ज़्यादा से ज़्यादा अपने आहार में शामिल करें। मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचें, क्योंकि मच्छर आपको काटने के बाद आपके शरीर का इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति के शरीर में संक्रमित कर सकता है।  बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पेन किलर ले सकते हैं लेकिन वो भी डॉक्टर की सलाह पर ही लें।घर पर आराम करें और अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।

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