टूटा दिल ही आपको सीखा सकता है ऐसा कुछ जिसे आप कितनी ही कोशिश कर लें कहीं और नहीं सीख सकते है। एक रिसर्च के अनुसार 20 साल की उम्र में जब आप पहले प्यार की गिरफ्त में होते हैं तो अगर आपका दिल टूटता है तो वो आपको बहुत कुछ सीखा जाता है ।
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि इसके बाद टीनेज का आखिरी पढ़ाव शुरू होता है जोकि 18 से 25 की उम्र तक रहता है। इस उम्र के पहले पढ़ाव हमारा मन चंचल होता है। लेकिन दूसरे पढ़ाव में हम संभालना सीख लेते हैं, खासकर 20 की उम्र में। 20 की उम्र मे जब दिल टूटता है तो भले ही दर्द बहुत हो पर जिंदगी के कुछ सबक हम सीख जाते है। ये सबक हमारी जिंदगी को सही दिशा देते है। प्यार और ब्रेकअप दोनों से ही हम बहुत कुछ सीखते और बदलते है।
अगर आप 16 में एंटर करने से पहले ही ब्रेकअप का दर्द झेल चुके है तो आपने जिंदगी के कई सबक भी सीख लिए होगें। जिंदगी चलने का नाम है, इसे चलते रहने देना चाहिए। तो आइए आज हम आपको बताते है कि जब 20 की उम्र मे किसी का दिल टूटता है तो क्या सबक सीख जाते है।
सीखते हैं खुद की कद्र- दिल को टूटने पर खुद की कद्र समझ आती है। कैसे किसी खातिर हम अपनी पंसद ना पंसद को भुलाकर बस दूसरे की पंसद बनकर रह गए थे। ब्रेकअप के बाद खरीददारी पर जाना, नए दोस्त बनाना, खुश रहना और एक बार के लिए स्वयं का ख्याल रखना शुरू कर सकते है।
प्रैक्टिकल हो जाते हैं- अक्सर ब्रेकअप के बाद लोग सही मायने में दुनिया को समझने लगते है और लाइफ को प्रेक्टिकली देखने लगते है। जिंदगी के प्रति उनका नजरिया बदल जाता है और वे पहले से ज्यादा मेच्योर बिहेव करने लगते है। अपने करियर या पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने लगती है। फॉरएवर वाला कॉसेप्ट बदल जाता है। लेटिग गो फॉर्मुले को सीख जाते है।
दोस्त की वैल्यू का हो जाता है एहसास- यह बात आप भी जानते हैं कि ऐसे बुरे वक्त से उबरने में जितना आपके दोस्त आपकी मदद करते हैं, उतना और कोई नहीं करता। इसलिए ऐसे वक्त में उनके साथ नाचना, गाना और छुट्टियां मनाना एक बेहतर आइडिया है। अगर आपके रिलेशनशिप में होते हुए उनको थोड़ा-बहुत इग्नोर करना पड़ा था, तो भलाई इसी में है कि माफी मांग लीजिए और कोई अच्छी मूवी देखने जाइये। आपको यही दोस्त पहले से ज्यादा प्यारे हो जाते है।
मोहब्बत की तलाश शुरू- प्यार की नई पारी को खेलने के लिए हम फिर खुद को तैयार कर लेते है। कई बार दिल फिर से धड़कने लगता है और दिल का धड़कना हमको अच्छा भी लगता है। रिस्क होता और फर्क दोनो होता है, पर खतरा पहले से थोड़ा कम होता है। इस बार जिंदगी सिर्फ उसी के आसपास नहीं घूमने देते। ये पिछले साथी की यादों को भुलाने में काफी मददगार साबित होता है।