उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक विद्यालय की वॉर्डन की शर्मनाक करतूत सामने आई है। वॉर्डन पर आरोप है कि उसने 70 लड़कियों को अपने सामने न्यूड कराकर मासिक धर्म के दौरान के रक्त की जांच की। दरअसल वॉर्डन को टॉयलेट में खून के दाग दिख गए थे जिसके बाद उसने लड़कियों के साथ ऐसी शर्मनाक हरकत कर डाली। छात्राओं के साथ इस घिनौनी हरकत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। इस घटना की जानकारी जैसे ही बेसिक शिक्षा अधिकारी तक पहुंची उन्होंने तुरंत महिला वॉर्डन को सस्पेंड कर दिया। इस घटना के बाद छात्राओं के परिजन गुस्से में हैं। बहुत से परिजनों ने तो अपने बच्चों को स्कूल से निकाल भी लिया है। पीड़ित छात्राओं ने प्रदेश सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ये शर्मनाक घटना मुजफ्फरनगर के खतौली की है। इस सरकारी स्कूल में लड़कियों के लिए परिसर के अंदर ही हॉस्टल में रहने की व्यवस्था भी है। सुरेखा तोमर नाम की एक महिला टीचर को लड़कियों के हॉस्टल का वॉर्डन बनाया गया था। बताया जा रहा है कि हॉस्टल के टॉयलेट में वॉर्डन को कुछ ब्लड स्पॉट्स मिले। खून के धब्बे देख वॉर्डन का पारा चढ़ गया। वॉर्डन इस बात से चिढ़ गई कि किसी छात्रा जिसकी माहवारी चल रही है उसने टॉयलेट यूज करने के बाद पानी नहीं डाला। इतनी सी बात से आग बबूला वॉर्डन हास्टल की सभी 70 छात्राओं को क्लास रूम में ले गई और उन सबके सारे कपड़े उतार दिये। छात्राओं को निर्वस्त्र करने के बाद वॉर्डन सुरेखा तोमर ने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए चेक करने लगी कि किस लड़की के पीरियड्स चल रहे हैं।
मुजफ्फरनगर में हुई इस घटना पर राज्य सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी प्रतिक्रिया दी है। शर्मा ने कहा, ‘यह मामला बहुत गंभीर है। मैंने इस मामले से संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा।’ छात्राओं का आरोप है कि वॉर्डन ने यह शर्मनाक घटना सिर्फ पीरियड्स का ब्लड चेक करने के लिए किया गया। वहीं आरोपी वॉर्डन सुरेखा तोमर का कहना है कि उनपर लगाए गए सारे आरोप गलत हैं और उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।
अपनी बच्चियों के साथ इस हरकत से परिजन सदमे में हैं। परिजनों का कहना है कि वो अपनी बच्चियों को इस स्कूल में नहीं पढ़ाएंगे। कुछ तो अपनी बच्चियों को तुरंत घर वापस लेते गए।