उसी कक्षा को अपना शयनकक्ष बनाकर रहनेवाले सहायक शिक्षक देवेन्द्र कुमार राजन छात्रा के पीछे पीछे कक्षा में आया और उसे पकड़ कर जोर-जबरदस्ती करने लगा। छात्रा जब चिल्लाने लगी तो अन्य छात्र वहां पहुंच गये जिसके बाद शिक्षक ने उसे छोड़ दिया। छात्रा रोते हुए घर पहुंची और मां को आपबीती सुनाई। देखते ही देखते गांव के लोगों ने विधालय को घेर लिया। ग्रामीण प्रधानाध्यापक और दोषी शिक्षक को घेरकर प्रदर्शन करने लगे तथा एसडीओ को बुलाने की मांग लेकर डटे रहे।