दोपहर में तीनों को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया गया। आरोपियों से बाइक, दराती और कुल्हाड़ी जब्त की गई। पुलिस के अनुसार शंकर की बहन पर रामजी व धनंजय की बुरी नजर थी। रामजी व धनंजय की पत्नी करीब दो वर्ष पहले घर छोड़कर चली गई थी। शंकर के घर पर दोनों का आना-जाना लगा रहता था।
शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने दोहरे हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि शव की शिनाख्त रामजी पिता घासीराम (35) और धनंजय उर्फ धरमा पिता अमरदास (30) निवासी ग्राम डाबिया के रूप में हुई थी। छानबीन करने पर शंकर पिता बनिया (25) निवासी गोलखेड़ा की भूमिका नजर आई।
इस पर उससे पूछताछ की गई। पहले तो वह गुमराह करने में लगा रहा लेकिन सख्ती से की गई पूछताछ के बाद उसने गुनाह कबूल कर लिया। शंकर ने अपने एक साथी ईश्वर पिता श्रीराम (26) के साथ मिलकर रामजी और धनंजय का दराती से गला रेत दिया था। आरोपियों ने कुल्हाड़ी से भी दोनों पर वार किए।