इसके बाद कोलकाता में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 15 दिन में कॉल लेटर आने की बात कहकर रवाना किया गया था। पर उसके बाद कोई कॉल लेटर नहीं आया और वे लोग भी नहीं मिले।
क्राइम ब्रांच के सामने सबसे बड़ी चुनौती ठगी के 74 लाख रुपए रिकवर करना है। जो ठगों ने लेने के साथ ही अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। अलग-अलग खातों से यह रकम तत्काल ही उन्होंने निकालकर हिस्सा बांट लिया था। अब यह 74 लाख रुपए बरामद करना बहुत मुश्किल है।
गिरोह के तीन सदस्य वीरेन्द्र रावत, निकिता व उसका पति राहुल निगम पकड़े जा चुके हैं। अब इनके एक अन्य साथी मोहनीश मिश्रा की तलाश है। इसकी तलाश में जल्द पार्टी रवाना की जाएगी।