बाल कल्याण समिति ने रेलवे पुलिस को दिल्ली के व्यवसायी और नाबालिग बालिकाओं के परिजनों के खिलाफ एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही की गई कार्रवाई को तीन दिन में समिति को अवगत कराने को भी कहा है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह परमार ने बताया कि धौलपुर रेलवे स्टेशन आरपीएफ को गश्त के दौरान मिली दोनों बालिकाओं ने बताया कि एक बालिका की बुआ एक के पिता ने उन्हें साईं इंटर प्लेसमेंट दिल्ली में बेच दिया। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दिल्ली के मॉडल टावर निवासी एक व्यवसायी मन मोहन सोड़ानी श्वेता सोड़ानी को बाल श्रमिक के रूप में कार्य करने के लिए भेज दिया।
कोठी में कार्य नहीं करने पर दोनों बालिकाओं के साथ कोठी मालकिन श्वेता सोड़ानी मारपीट करती थी और साथ ही अभद्र भाषा का प्रयोग भी करती थी।समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था। श्वेता सोड़ानी बालिकाओं के सामने भद्दे फोटो खिंचवाती अश्लील हरकतें करती थी। बालिकाएं बाहर निकलने की कोशिश करती तो कोठी मालकिन उन्हें कमरे में बंद कर मारती पीटती थी। एक दिन कमरे का ताला खुला होने पर वे वहां भाग निकली। बाल कल्याण समिति ने रेलवे पुलिस को श्वेता सोड़ानी, पति मन मोहन सोड़ानी और बालिकाओं को एजेंसी में बेचने वाले परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने के साथ तीन दिन में रिपोर्ट समिति को देने के निर्देश दिए है।