शराब की वजह से कई हादसे होते हैं। लेकिन क्या आप मानेंगे कि एक हादसा ऐसा भी हो सकता है जिसमें शराब न पिलाने पर कोई किसी की जान ही ले ले ?
मध्य प्रदेश के अलीराजपुर के इलाके सरेवा गांव में 35 साल के वस्तिया ने धनुष उठाया और अपने एक दोस्त को तीर मार दिया। कारण यह था कि उस दोस्त ने वेस्तिया को बियर पार्टी के लिए नहीं बुलाया था।
यह कोई अकेला केस नहीं है। आधिकारियों का कहना है कि, खूब शराब पिने वाला आदिवासी इलाका अब बियर की तरफ मुड़ चुका है। आदिवासी लोग बियर के लिए मारपीट करने के लिए हरदम तैयार रहते हैं।
आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार अलीराजपुर और झाबुआ के आदिवासी क्षेत्र में इंदौर से ज्यादा बियर की खपत होती है। वहां के अधिकारियों का कहना है कि पहले ये महुए और ताड़ी से बनी शराब पीते थे, लेकिन अब इन्हें बियर ज्यादा पसंद आ रही है।
अधिकारी कहते हैं कि, “आदिवासियों के स्वाद में आए बदलाव के लिए एक समाजिक अध्ययन होना चाहिए।”
इलाके के एक फोटोग्राफर अनिल तवर का कहना है कि ‘अलीराजपुर और झाबुआ में लोग बियर इसलिए ज्यादा पी रहे हैं क्योंकि उन्हें देसी शराब में मजा कम आ रहा है। वे ज्यादा नशा के लिए व्हिस्की और बियर को मिक्स करके पीते हैं।‘
गांव में रहने वाले राजू का कहना है कि गांव में रहन औरतों के बियर पीने का अंदाज जुदा है। वे अपनी हथेली लगाकर बियर पीती हैं। भगोरिया उत्सव के दौरान ये जमकर बियर पीती हैं।