रीतेश नशे में धुत हुआ तो इंद्रकुमार उसे खींचकर दुकान के पीछे वाले कमरे में ले गया। वहां गला दबाकर रीतेश की हत्या कर दी। फिर वह पत्नी गीता को भी उसे कमरे में खींच लाया। गीता ने बचने की कोशिश करते हुए विरोध किया मगर इंद्र कुमार ने दुपट्टे से गला घोंटकर उसे भी मार डाला।
रात भर वह दोनों की लाश के पास बैठा रहा। भोर में वह घर से निकला और कोतवाली पहुंचा। उसने पुलिस से कहा कि उसे कत्ल का पछतावा नहीं है क्योंकि पत्नी ने उसके साथ बेवफाई की और अब तो खुलकर धोखा देने लगी थी। उसे इस बात का अफसोस है कि उसके चारों बच्चे बेसहारा हो गए। पत्नी को उसने मार डाला और वह खुद जेल में रहेगा तो बच्चों की देखभाल कैसे हो सकेगी।