प्रेमी युगल ने 23 नवंबर को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत एडीएम रत्नाकर झा के कोर्ट में शादी के लिए आवेदन दिया था। एक महीने का समय गुजरने के बाद 26 दिसंबर को शादी होना थी, लेकिन हमीदिया अस्पताल में एडीएम की ड्यूटी के कारण शादी की तारीख अगले दिन तक के लिए बढ़ाई दी गई थी। 27 दिसंबर को जब युवक-युवती दोनों अपने परिजनों के साथ कलेक्टोरेट पहुंचे, तो युवती की मां और मौसी ने एसएसपी दफ्तर के बाहर उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। पिटाई से बचने के लिए जब युवती कलेक्टोरेट की ओर भागी तो परिजन उसको मारते हुए एडीएम रत्नाकर झा के दफ्तर में जा घुसे गए थे। इस दौरान युवती के कपड़े बुरी रह फट गए थे।
अफसोस की बात यह है कि दो दिन पूर्व हुए घटनाक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी बीच-बचाव नहीं किया। उल्टे लोग मारपीट का चाव से तमाशा देखते रहे।