रिटायर्ड प्रिंसिपल और एक महिला, इन दोनों के कारनामें ऐसे हैं कि तोते उड़ जाएंगे , एटा के जैथरा पुलिस ने गांजे के अवैध कारोबार का पर्दाफाश करते हुए रिटायर्ड प्रिंसिपल और एक महिला को 11 किलो गांजा समेत गिरफ्तार किया है। यह महिला दूसरे जिलों में भी इसकी सप्लाई करती थी। शहर के अवागढ़ हाउस में सप्लायरों का अड्डा था। पूरा कारोबार इसमें रहने वाले नशे के दो कारोबारी करते थे। पुलिस ने अवागढ़ हाउस पर जब छापा मारा, तो बंटी और मोनू फरार हो गए। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया है। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।
जैथरा पुलिस ने सूचना पर धुमरी चौराहे पर मौजूद महिला बेबी पत्नी जोन उर्फ बॉस और रिटायर्ड प्रिंसिपल महेश पुत्र जीवाराम निवासी नगला खंदारी जैथरा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब महिला का थैला चेक किया, तो उसमें गांजा के कई बंडल निकले। कुल 11 किलो 460 ग्राम गांजा मिला। काले बाजार में इसकी कीमत सवा लाख रुपये आंकी गई है। पुलिस दोनों को पकड़कर थाने ले आई। जब पूछताछ हुई तो उन्होंने पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया। गांजे की खेप यह महिला ही सप्लाई करती थी। उसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता था, ताकि पुलिस चेकिंग से वह आसानी से बच सके।
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में एसपी क्राइम अनूप कुमार ने बताया कि पकड़ी गई महिला काफी समय से अवैध कारोबार में लिप्त है। उसका पति मादक पदार्थो की सप्लाई में कई बार पकड़ा जा चुका है। पति-पत्नी दोनों ही इस कारोबार में लिप्त हैं। महिला ने कबूला है कि पकड़ा गया गांजा शहर के मुहल्ला अवागढ़ हाउस के रहने वाले मोनू पाराशर पुत्र विजेंद्र सिंह और बंटी उर्फ नितिन तिवारी ने भिजवाया था। गांजा खरीदने के लिए महेश धुमरी पहुंचा था। वहीं पर यह खेप उसे सौंपी जानी थी, लेकिन तब तक पुलिस ने उनको दबोच लिया। जिन दो आरोपियों का नाम प्रकाश में आया है वे दोनों सस्ते में गांजा खरीदते थे और ऊंचे दाम लेकर बेचते हैं। गांजे की कई खेपें एटा के अलावा अन्य जिलों में भी भेज चुके हैं।