इस मामले में ज्ञानचंद लुंकड़ ने बताया कि उन्हे टाइप करना नहीं आता था और उन्होंने अपने हाथ से लिखकर ही रजिस्टर्ड नोटिस भेजा था। हालांकि इसमें कुछ गलतियां थी मगर उन गलतियों को उन्होंने सुधार लिया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट योगिता पारीक ने धोखाधड़ी के मामले में छीपो की ढाल निवासी मोहम्मद उमर पुत्र अब्दुल करीम को छह माह का साधारण कारावास और 30 हजार रूपए का अर्थदंड सुनाया।
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