रावन से सीखिए ये तीन विशेषताएं। रावन भले ही बुराई का प्रतीक माना जाता है हम दिवाली को उसका पुतला जलाते हैं और ये कामना करते है कि इसी के साथ ही हम अपने अंदर की बुराई को भी मार देंगे। बुराई और अच्छाई मानव स्वभाव के अभिन्न अंग हैं। ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं होगा जो पूरी तरह अच्छा ही हो, या पूरी तरह से बुरा। महर्षि वाल्मीकि की रामायण में जहां राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में उल्लेखित किया गया है। तो वहीं रावण को एक नकारात्मक चरित्र के रूप में बताया गया है।
लेकिन, रावण जैसे नकारात्मक चरित्र में भी कुछ ऐसी अच्छाई थीं। जिन्हें हर व्यक्ति को अपनी दैनिक दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए।
– रावण भगवान शिव का परमभक्त था। दरअसल भक्त होना गलत बात नहीं है, यदि आप ईश्वर की भक्ति करते हैं। उनके बताए गई बातों का अनुसरण करत हैं तो एक न एक दिन सफल जरूर होते हैं। और यदि आप सफलता हासिल कर चुके हैं तो उस पर लंबे समय तक कायम रह सकते हैं।
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