जैसलमेर शहर से 17 किमी दूर थार मरुस्थल के बीच पूरी तरह से सुनसान पड़े इस गांव में पहले लोग बसते थे। इसके आसपास के 84 गांवों में पालिवाल ब्राह्मणों की आबादी रहा करती थी, लेकिन यहां कुछ ऐसा हुआ कि सभी गांव वाले इस जगह को वीरान करके चले गए। तब से यह गांव सूना पड़ा है।
पौराणिक कथा के अनुसार कभी लोगों से आबाद रहने वाले इस गांव को रियासत के दीवान सलीम सिंह की नजर लग गई। गांव के एक पुजारी की बेटी पर सलीम सिंह की बुरी नजर पड़ी। सलीम ने उस लड़की से जबरन शादी करने के लिए गांव वालों को चंद दिनों की मोहलत दी। ये लड़ाई जितनी एक बेटी के सम्मान की थी, उतनी ही गांव वालों के आत्मसम्मान की भी थी।