ये है आंध्रप्रदेश का खम्म मंदिर। पूरी दुनिया में हनुमान जी के विवाह का इकलौता गवाह यह मंदिर है। इस मंदिर में हनुमान जी भगवान सूर्य की पुत्री सुवर्चला जिनके साथ उनका विवाह हुआ था के साथ मौजूद हैं। ज्ञान प्राप्ति के कुछ नियमों का पालन करने के लिए हनुमान जी को अपने गुरु सूर्य की पुत्री से विवाह करना पड़ा था। विवाह के बाद इनकी पत्नी तपस्या के लिए चली गई थी इसलिए विवाहित होने के बावजूद हनुमान ही ब्रह्मचारी कहे जाते हैं। ऐसे कहा जाता है कि प्रेमी और पति-पत्नी यहां साथ में हनुमान जी और उनकी पत्नी के दर्शन करते हैं तो उनका प्रेम प्रगाढ़ होता है और रिश्ते में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।