खुदाई के दौरान मिले इस शिवलिंग के बारे में विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि एक समय में यहां एक विशाल मंदिर हुआ करता था, जिसका निर्माण पहली शताब्दी के शुरू में सरभपुरिया राजाओं ने कराया था। फिर 12वीं शताब्दी में प्रकृति के भीषण तबाही के बाद ये सब नष्ट हो गया।इस दौरान ये शिवलिंग अपने चमत्कारिक शक्तियों के कारण ज़मीन में दबा रहा और सुरक्षित रहा। हालांकि इस जगह पर पुरातत्व विभाग कई सालों से खुदाई कर रहा है, उसे इस दौरान कई छोटे-बड़े शिवलिंग भी मिले हैं, लेकिन इतना बड़ा शिवलिंग कभी नहीं मिला।