छठा दिन: षष्ठी या छठे दिन देवी कात्यायिनी की पूजा होती है। इस दिन श्रद्धालु लाल कपडे पहनते हैं और देवी को खुश करने के लिए शहद का भोग चढ़ाते हैं।
सातवां दिन: सप्तमी या सांतवा दिन देवी कालरात्रि को समर्पित होता है। इस अवतार में देवी अपने श्रद्धालुओं को किसी भी बुराई से बचाती हैं और खुशियां देती हैं। इस दिन श्रद्धालु नीला वस्त्र पहनते हैं और देवी को गुड़ का भोग चढ़ाते हैं। कुछ लोग इस दिन ब्राह्मणों को दक्षिणा भी देते हैं।
आंठवा दिन: आंठवा दिन या अष्टमी देवी महागौरी को समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि देवी के इस रूप की पूजा करने से श्रद्धालुओं के सारे पाप धुल जाते हैं। देवी को हरी साड़ी पहने दिखाते हैं। इस दिन श्रद्धालु गुलाबी रंग पहनते हैं और देवी को नारियल चढ़ाते हैं।
नवां दिन: नवां दिन या नवमी देवी सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। देवी के इस रूप की पूजा करने से श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन श्रद्धालु बैंगनी रंग पहनते हैं और देवी को तिल का भोग चढ़ाते हैं।