इसके अलावा जो व्यक्ति किसी के वस्त्रों की चोरी करता है, उसे अगले जन्म में तोता बनकर जन्म लेना होता है। सुगंधित पदार्थों की चोरी करने वाला व्यक्ति छछूंदर के रूप में जन्म लेता है।
किंतु यदि अपराध चोरी से बड़ा हो तो योनि और भी भयंकर प्राप्त होती है। महर्षि व्यास ने बताया है कि जो व्यक्ति शस्त्र से किसी की हत्या करता है उसे गधे की योनि प्राप्त होती है।
गधे के बाद वह मृग योनि को प्राप्त करता है, किंतु इससे अधिक रोचक बात यह है कि उसकी खुद की हत्या भी शस्त्र से ही होती है। मृग के बाद ऐसी आत्मा मछली, कुत्ता, बाघ और अंत में मनुष्य योनि को पाती है।
देवताओं और पितरों को संतुष्ट किए बिना मरने वाला व्यक्ति सौ वर्षों तक कौए की योनि में रहता है। इसलिए कहा जाता है कि श्राद्ध कराते समय कौए को अवश्य भोजन कराएं, ताकि पितृगण संतुष्ट हो जाएं।
लेकिन यदि यह ना किया जाए तो अगला जन्म कौए के रूप में मिलता है। इसके बाद मुर्गा फिर एक महीने के लिए सांप की योनि में रहने के पश्चात उसके पापों का अंत होता है। उसके बाद वह मनुष्य के रूप में जन्म लेता है।