दरअसल रविवार के दिन को पूर्ण रूप से भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना गया है। और ऐसे शुभ दिन पर पति-पत्नी का शारीरिक संबंध बनाना ‘पाप’ कहलाता है। फिर चाहे वह संतान की प्राप्ति के लिए ही क्यों ना हो, इसदिन पति-पत्नी को दूर रहना चाहिए। यही कारण है कि इस लिस्ट में रविवार का दिन भी शामिल है। इस दिन आप सूर्य देव से केवल अच्छी संतान पाने की प्रार्थना कर सकते हैं। किंतु इस दिन स्त्री गर्भधारण कर ले तो सूर्य देव के प्रकोप का सामना करती है ऐसी संतान। क्रोध, ईर्ष्या, स्वभाव में ही हर पल की गर्मी, ऐसे लक्षण वाली होती है संतान।
गर्भ संस्कार के अनुसार सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार गर्भधारण के लिए शुभ दिन हैं। इन चार दिनों के गर्भधारण से उत्पन्न हुई संतान गुणी, माता-पिता की आज्ञाकारी, सेहतमंद और मानसिक रूप से तेज होती है। तो यदि आप सोच लें कि मंगलवार का दिन आधी रात 12 बजे समाप्त हो गया है और इसके बाद गर्भधारण करना उचित होगा, तो यह गलत है। हिन्दू शास्त्रों द्वारा बताया गया समय का यह नियम हमेशा याद रखना चाहिए।