गर्भ संस्कार के अनुसार यह दिन गर्भधारण के लिए बेहद अशुभ है। यदि इस दिन स्त्री गर्भधारण कर ले, तो होने वाली संतान बेहद क्रोधी और घमंडी होती है। किसी की बात ना सुनना, केवल अपने मन मुताबिक कार्य करना, सभी को परेशान करना और स्वभाव में ही हिंसा का होना, ऐसे होते हैं मंगल ग्रह के प्रभाव में जन्मे बच्चे।
यह दिन शनि ग्रह को समर्पित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार क्रूर एवं पापी ग्रह की श्रेणी में आता है शनि ग्रह। इसलिए इस दिन पति-पत्नी का संतान उत्पत्ति के विचार से करीब आना अशुभ माना जाता है। शनि ग्रह के प्रभाव से होने वाली संतान निराशावादी एवं नकारात्मक सोच वाली होती है। शनि ग्रह कई बार ऐसे बच्चों को ताउम्र रोग भी प्रदान करता है।