गया में पिंडदान करने का है विशेष महत्व!

श्राद्ध में पित्रो को अर्पण किया जाने वाला भोजन पिंड रूप में अर्पित किता जाना चाहिए साथ ही भोजन में पित्रो के पसंद का खाना अवश्य बनना चाहिए। इससे पित्र खुश होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं।

अपने पित्रो और पूर्वजों का श्राद्ध करने का अधिकार सर्वप्रथम अधिकार पुत्र या पौत्र का होता है। लेकिन इसके साथ ही भाई, प्रपौत्र और महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं।

इसके साथ ही श्राद्ध में कौओं का विशेष महत्त्व दिया जाता है। कौए को पितरों का रूप माना जाता है। मान्यता के अनुसार श्राद्ध ग्रहण करने के लिए हमारे पितर कौए का रूप धारण कर श्राद्ध की तिथि के दिन  दोपहर में हमारे घर आते हैं। और अगर उन्हें श्राद्ध का भोजन नहीं मिलता तो वह रुष्ट हो जाते हैं। यही कारण श्राद्ध का प्रथम अंश कौओं को दिया जाता है।

अगले पेज पर देखिये वीडियो कैसे गया में पित्रपक्ष के इस पावन महीने में श्राद्ध का कर्मकांड किया जाता है।

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