आयुर्वेदिक लेप से सनी ज़िंदा मछली को मुँह में डालने के बाद बाथिनी गौड़ परिवार के सदस्य पीड़ितों के मुँह में अँगुली डाल यह सुनिश्चित करते हैं कि मछली कंठ से नीचे उतरी या नहीं।
तीन वर्षों के नियमित उपचार के बाद यह आशा की जाती है कि पीड़ितों को दमा और साँस लेने में हो रही अन्य परेशानियों से मुक्ति मिल जायेगी! दमा के उपचार के लिए दो दिनों की नि:शुल्क दवाई लेने यहाँ दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग आते हैं जिसकी तारीख मॉनसून के आगमन पर निश्चित की जाती है।