देवी पुराण के अनुसार विशिष्ट संयोग के अंतर्गत ग्रहों का राशि परिवर्तन तथा रात में सर्वार्थसिद्धि योग का होना रात्रि सिद्धि के लिए श्रेष्ठ है। इस दिन शनि दोपहर 2.28 बजे धनु तथा शुक्र रात 8.30 बजे मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस रात लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विशेष साधना की जा सकती है।
पंड़ित के अनुसार साल में चार नवरात्रि होती है। चैत्र व अश्विन मास की नवरात्रि प्रकट तथा आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त कहलाती है। इन दिनों में साधक व आराधक माता की अर्चना करते हैं। शक्तिपीठ हरसिद्धि में दर्शन, पूजन व साधना की विशेष मान्यता है।