खेती-बाड़ी के बारे में उनकी जानकारी लाखों साल पुरानी है। इस विशेष नस्ल को ‘Phildris nagasau’ के नाम से जाना जाता है। वे कॉफी के पौधों को सिर्फ बोना ही नहीं जानती हैं, बल्कि बाद में कॉफी के पौधों का उपयोग रहने की जगह के रूप में भी करती हैं।म्यूनिख के लुडविग मैक्सीमिलिएन विश्वविद्यालय की वनस्पतिशास्त्री सुसैन रेनर बताती हैं कि चीटी की यह पहली प्रजाति है, जो अपने लिए खुशबूदार घर का निर्माण करती है। ये चींटियां हफ्तों तक कॉफी के बीज डालकर खेती करती हैं, जबकि शुरू में उन्हें इससे कोई सीधा लाभ नहीं होता है।