नव ग्रहों की खराब दशा से बचने के लिए भी मोर का पंख आपकी मदद कर सकता है। घर में अलग अलग स्थान पर मोर का पंख रखने से घर का वास्तु दोष दूर होता है। मोर के पंख का उपयोग रोगों के इलाज के लिए भी किया जाता है। मोर के पंख से तपेदिक, दमा, लकवा, नजला तथा बांझपन जैसे रोगों का इलाज किया जा सकता है।
 कालसर्प दोष को भी दूर करने की इस मोर के पंख में अद्भुत क्षमता है। कालसर्प वाले व्यक्ति को अपने तकिए के खोल के अंदर 7 मोर के पंख सोमवार की रात को रखना चाहिए और उसी तकिए पर सोना चाहिए। अगर आप किसी शत्रु से परेशान हैं, तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिंदूर से मंगलवार या फिर शनिवार को उसका नाम लिखकर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें। अगली सुबह उठकर बगैर नहाए उसे चलते पानी में प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आपका शत्रु भी आपसे मित्रता का व्यवहार करने लगेगा।
अगर घर में कोई बच्चा जिद्दी हो, तो मोर के पंखों से बच्चे को हवा देने से धीरे-धीरे उसकी जिद कम होने लगेगी। मोर के पंख को चांदी की ताबीज में डालकर नवजात बच्चे के सिर के पास रखने पर बच्चे की नजर दोष और किसी भी तरह की अला-बला से रक्षा होती है। घर के दक्षिण-पूर्व दिशो में मोर का पंख लगाने से घर में बरकत होने लगती है। घर से सदस्यों की अचानक से आनेवाले किसी भी कष्ट से रक्षा होती है। घर से हर परेशानी दूर हो जाती है।
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