पशु चिकित्सक का कहना है कि इस घटना की विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं और बिना जांच किए ये दूध उपयोग करना उचित नही है। वहीं खरगोन के पशु चिकित्सा विभाग में पदस्थ पशु चिकित्सक डॉ अशोक सुले का कहना है कि ऑक्सीटोसिन हार्मोन की ओवर एक्टीविटी के कारण ही बकरी का बच्चा दूध दे रहा है।

वहीं पिछले 20 सालों से अपने घर में करीब 300 बकरियां पाल चुकी सखी बाई का कहना है कि मैंने भी पहली बार इस प्रकार की घटना देखी है, यह तो कोई भगवान का चमत्कार ही है।

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