गुजरात के अंकलेश्वर की शिवदर्शन कालोनी में रहने वाले किशोर गायकवाड़ बताते हैं कि वे 2013 में मुम्बई गए थे और एक मंदिर में दर्शन के दौरान उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे एक बिल्ली को पत्थर से मार रहे थे। किशोर से देखा नहीं गया और वह बिल्ली को उन बच्चों से बचाकर अपने घर ले आए।
घर लाने के बाद उन्हें पता चला कि ये बिल्ली तो अन्य बिल्लियों से कुछ खास है। दरअसल ये बिल्ली अपना रंग बदल लेती है, इसके शरीर पर कभी-कभी हिन्दू, सिख और मुस्लिम धर्म के धार्मिक चिह्नï भी दिखाई देने लगते हैं।