कुछ अंडों को जेब्रा फिंच की आम आवाज यानि कॉल्स सुनाई गईं, तो कुछ को मां बनने वाले पक्षियों की विशेष कॉल्स। जिन अंडों को ये विशेष हॉट कॉल्स सुनाई गईं उनमें धीमा विकास हुआ और वे अंडे से निकलने पर छोटे आकार से दिखे। वहीं दूसरे अंडों से सामान्य आकार के बच्चे निकले। रिसर्चरों का मानना है कि उन पक्षियों का छोटा आकार उन्हें गर्म माहौल में भी जिंदा रखने में मददगार साबित होगा। इसके अलावा रिसर्चरों ने पाया कि इन छोटे आकार वाले पक्षियों के बच्चे भी ज्यादा होते हैं यानि उनके अस्तित्व के बने रखने में पक्षी के खास गीत से काफी मदद मिलती है।

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इस तरह की कोई नीति अगर दूसरे जानवरों में होती है तो इसका मतलब है की पक्षियों ने तो ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ने की तैयारी कर ली है।